टीबी उन्मूलन के लिए राजीव गांधी आयुर्वेदिक कॉलेज पपरोला में निक्षय मित्र कार्यक्रम का आयोजन
राजीव गांधी राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय ,पपरोला ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 12 सितंबर, 2024 को निक्षय मित्र कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में ज़िला स्वास्थ्य एवं क्षय रोग अधिकारी, डॉ. राजेश सूद द्वारा निक्षय मित्रों को सम्मानित किया गया।
इस पहल का उद्देश्य है टीबी रोगियों को न केवल चिकित्सा सहायता, बल्कि भावनात्मक और मानसिक समर्थन भी प्रदान करना, ताकि वे जल्द से जल्द स्वस्थ हो सकें।
कार्यक्रम में कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रोफेसर विजय चौधरी ने और कॉलेज के 50 अन्य स्टाफ सदस्यों ने भी एक-एक टीबी मरीज को पोषण किट वितरित की ।
इस प्रकार, डॉक्टरों का यह दल हिमाचल प्रदेश में टीबी उन्मूलन की दिशा में एक उल्लेखनीय योगदान दे रहा है।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य डॉ. विजय चौधरी ने एक महत्वपूर्ण संदेश देते हुए कहा:हमारी भारतीय परंपरा में चार प्रकार के दान को सर्वोच्च माना गया है— अभय दान, निरोग दान, श्रम दान, और आहार दान। डॉक्टरों को अभय दान, निरोग दान और श्रम दान के लिए जाना जाता है, लेकिन इस बार हम एक और महत्वपूर्ण दान दे रहे हैं, और वह है आहार दान। इस पहल के माध्यम से हम न केवल चिकित्सा सहायता प्रदान करेंगे, बल्कि टीबी रोगियों के पोषण का भी ध्यान रखेंगे, ताकि उनका संपूर्ण स्वास्थ्य सुदृढ़ हो सके।आहार दान:
इस कार्यक्रम की एक प्रमुख विशेषता है “आहार दान” की अवधारणा। आहार दान के अंतर्गत टीबी रोगियों को आवश्यक पोषण और आहार सामग्री प्रदान की जाएगी, ताकि उनकी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत किया जा सके और वे टीबी जैसी गंभीर बीमारी से लड़ सकें। यह दान न केवल भौतिक सहायता है, बल्कि यह उन रोगियों के जीवन को स्वस्थ और सशक्त बनाने का प्रयास है।
*डॉ. राजेश सूद**, ज़िला क्षय रोग अधिकारी, ने इस अद्वितीय पहल की सराहना करते हुए कहा राजीव गांधी आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल के प्राचार्य और उनकी पूरी टीम का यह योगदान टीबी उन्मूलन अभियान के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। यह न केवल हिमाचल प्रदेश, बल्कि पूरे भारत में टीबी उन्मूलन की दिशा में एक बड़ा कदम है।यह कार्यक्रम हिमाचल प्रदेश के लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण में एक महत्वपूर्ण योगदान है और इससे टीबी रोगियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आने की उम्मीद है। निक्षय मित्र पहल के माध्यम से, न केवल रोगियों को चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी, बल्कि वे मानसिक और भावनात्मक रूप से भी सशक्त महसूस करेंगे।
अंततः, यह एक सामूहिक प्रयास है जो टीबी मुक्त भारत की दिशा में एक ठोस कदम है।
इस मौके पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ देश राज वर्मा ,नोडल आफिसर आईसीटीसी डॉ अखिलेश श्रीवास्तव, खंड स्वास्थ्य शिक्षक बीरबल, सीनियर टीबी सुपरवाइजर रोहित ठाकुर, आईसीटीसी काउंसलर शुशील कुमार आशा कार्यकर्ता सहित 125 टीबी से लड़ाई लड रहे लोगों व उनके परिवार के सदस्यों ने भाग लिया।