न्यू धौलाधार पब्लिक स्कूल खलेट-पालमपुर में धूमधाम से मनाया अध्यापक दिवस

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RAJESH SURYAVANSHI
Editor-in-Chief
Himachal Reporter Media Group

न्यू धौलाधार पब्लिक स्कूल खलेट-पालमपुर में आज अध्यापक दिवस की खूब धूम रही।

बच्चों ने अध्यापकों की शान में तरह-तरह के कार्यक्रम प्रस्तुत किये। बच्चों ने गुरुओं के सम्मान पर विशेष बल दिया।

इस अवसर पर विद्यार्थियों ने अध्यापकों के सम्मान में अपने वक्तव्य प्रस्तुत कर गुरुओं को उच्च स्थान देने की भावना पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि गुरु के ज्ञान के बिना कोई भी जीवन में उन्नति नहीं कर सकता और न ही एक अच्छा इंसान बन सकता है।

बच्चों ने कहा कि शिक्षक दिवस का महत्व प्रत्येक विद्यार्थी के जीवन में होता है। शिक्षके बिना जीवन को सरल नहीं बनाया जा सकता है और न ही जीवन को सही दिशा और दशा दी जा सकती है। बच्चों ने शपथ ग्रहण की कि वे सदा अपने शिक्षकों का सम्मान करेंगे तथा उनके द्वारा दर्शाए गए मार्ग पर चलेंगे।

इस अवसर पर स्कूल के डायरेक्टर श्री वरुण शर्मा ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए सर्वप्रथम अध्यापक दिवस की शुभकामनाएं दीं।

उन्होंने कहा कि घर को मजबूती और स्थिरता तभी मिलती है जब उसकी नींव मजबूत हो।

उसी प्रकार कोई छात्र या शख्स अपने जीवन में सफल तभी होता है जब उसके पास उसके गुरुओं का आशीर्वाद और साथ हो।

उन्होंने कहा कि गुरु का साथ होना ही आपको अर्जुन की भांति लक्ष्यभेदी बना सकता है।

उन्होंने कहा कि गुरु अपने शिष्यों के जीवन को आकार देते हैं। जिस प्रकार खाली कच्ची मिट्टी को कुम्हार आकार देकर उससे सुंदर वस्तुएं बनाता है और उस मिट्टी की कीमत कई गुणा ज्यादा तक बढ़ जाती है, उसी प्रकार गुरु अपने शिष्य के जीवन को आकार देकर उसकी कीमत को बढ़ाता है।

शिक्षक दिवस का महत्व प्रत्येक विद्यार्थी के जीवन में होता है. शिक्षके बिना जीवन को सरल नहीं बनाया जा सकता है और ना ही जीवन को सही दिशा और दशा दी जा सकती है।

श्री वरुण शर्मा ने आगे बताया कि कबीरदास जी कहते हैं कि जब आपके सामने गुरू और भगवान दोनों खड़े हों तो आप सर्वप्रथम किसे प्रणाम करेंगे। सर्वप्रथम हमें गुरु को प्रणाम करना चाहिए क्योंकि गुरु के बताए मार्ग पर चलकर ही हमें भगवान की प्राप्ति होगी। अर्थात गुरू सबसे महान हैं, ऐसे में आपको सर्वप्रथम गुरू का ही वंदन करना चाहिए।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को जरूर करें याद

स्कूल की चेयरमैन श्रीमती प्रवीण शर्मा ने सभी उपस्थितजनों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है और इस दिवस पर महान शिक्षाविद डॉ. राधाकृष्णन को याद किया जाना अत्यधिक आवश्यक है।

इस दिन भारत के पहले उपराष्ट्रपति और देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन का जन्म हुआ था।

श्रीमती प्रवीण शर्मा ने कहा कि वह महान शिक्षक होने के साथ-साथ एक महान दार्शनिक भी थे। शिक्षा के क्षेत्र से उनका बेहद लगाव था।

उन्होंने 40 साल तक बतौर शिक्षक काम किया। वह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति के पद को भी संभाल चुके हैं।

अपने जीवन काल में वह मेधावी छात्र, प्रसिद्ध शिक्षक, लेखक और प्रशासक रह चुके हैं। इतने ऊंचे पदों पर रहने के बावजूद डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की सादगी देखने लायक थी। वह शिक्षकों का बहुत सम्मान करते थे। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।

स्कूल की प्रिंसिपल मोनिका शर्मा ने भी अपने सम्बोधन में शिक्षक दिवस पर प्रकाश डाला और बच्चों को प्रेरित किया।

यह एक सफल एवं अनुकरणीय आयोजन रहा। बच्चों खूब आनन्दित हुए।

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