तेरी बहन आई है….Col. Jaswant Singh Chandel
तेरी बहन आई है
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तेरी बहन आई है,
तेरे घर में आई है,
आज रक्षाबंधन है,
तुझे राखी लाई है।
तुम तो सरहदों से,
नहीं लौटे हो,
उसने ———
सिसकियां ही भरी,
और तेरी तस्वीर पर,
राखी चढ़ा दी है।
मुहब्बत की दुहाई ,
बहन दे गई,
आंसू अपने वह मुझे,
देकर ले गई जुदाई।
मैं कया करती,
कया है मेरे पास,
तेरी तरफ से ,
लम्बी उम्र की
दुआ दे दी,
बस यही था,
मेरे पास।