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गत शाम दिल्ली के शकरपुरा इलाके से पुलिस के साथ मुठभेड़ के बाद पकड़े गए पांच आतंकवादियों में से दो नौजवान आतंकवादी गुरदासपुर से संबंधित है। हालांकि यह दोनों नौजवान हाल में ही में तरनतारन में हुई शौर्य चक्र विजेता कामरेड बलविंदर सिंह की हत्या के भी मुख्य अभियुक्त है मगर उस समय पंजाब पुलिस यह मानने के लिए तैयार नहीं थी कि कामरेड बलविंदर सिंह की हत्या आतंकवादी घटना है। पंजाब पुलिस दावा कर रही थी कि अज्ञात कारणों से कामरेड बलविंदर सिंह की हत्या गैंगस्टर सुख भिखारीवाल और ज्ञान खरलांवाला के कहने पर की गई थी मगर कामरेड बलविंदर सिंह की हत्या में गैंगस्टर ने जिन शूटरों को इस्तेमाल किया उनके दिल्ली में तीन कश्मीरी आतंकवादियों के साथ पकड़े जाने के बाद गैंगस्टरो का आतंकवादी कनेक्शन साबित हो गया है।अब पंजाब पुलिस भी इस तथ्य को नही झुठला सकती कि कामरेड की हत्या आतंकवादियों द्वारा ही करवाई गई है।
बहरहाल! कामरेड बलविंदर की हत्या में पंजाब पुलिस अपनी थ्यूरी बदले ना बदले यह साफ हो गया है कि विदेशों में बैठे आतंकवादी अपने टारगेट पंजाब के गैंगस्टरों से कंप्लीट करवाने लगे हैं तो गैंगस्टर छोटे-मोटे अपराधियों को इस्तेमाल करके आंतकवादी बनाने की राह पर चल निकले हैं।निश्चित से नौजवानों को आंतकवादी गतिविधियों में इस्तेमाल करने लग गए हैं। हालांकि अभी उजागर नहीं हुआ है कि दिल्ली में इन्हें क्या टारगेट दिया गया था यानी आशिकी में एक लड़की को अगवा करने वाले दो नौजवान गैंगस्टरों के हत्थे चढ़कर कितनी बड़ी आतंकवादी घटना को अंजाम देने जा रहे थे यह खुलासा होना अभी बाकी है।
अब सोचने लायक बात यह है कि क्या पंजाब पुलिस जो विक्की गोंडर के साथ हीपंजाब से गैंगस्टरों का साम्राज्य खत्म करने के दावे कर रही है , विकी गोंडर के बाद बचे गैंगस्टरों के आंतकवादी कनेक्शनों और नेटवर्क उजागर करने की चुनौती स्वीकार करके इसे तोड़ने की कोशिश करेगी या फिर अब भी गैंगस्टरो द्वारा इस्तेमाल करके आंतकवादी बनाए गुरदीप और सुखदीप जैसे किसी अन्य नौजवान द्वारा किसी अन्य आतंकवादीही इस सारे खेल में बड़ा फायदा तो टारगेट देने वाले आतंकवादियों और गैंगस्टरों का हुआ जबकि इनके चंगुल में फंसे नौजवानो ने खुद अपने हाथों से अपना भविष्य अंधकारमय बना लिया।
गुरजीत सिंह और सुखजीत सिंह भूरा दोनों गुरदासपुर के नजदीकी गांवों के रहने वाले हैं। इनका अपराधिक जीवन छिटपुट लड़ाई झगड़े की वारदातों और छीना-झपटी से शुरू हुआ मगर लगभग तीन महीने पहले उन्होंने हथियारों की नोक पर थाना दौरांगला के अंतर्गत पड़ते एक गांव से एक नाबालिग लड़की को अगवा कर लिया।इस घटना में इनका साथ देने वाले बाकी 5 लोग तो पुलिस ने गिरफ्तार कर लिए मगर यह दोनों तब से पुलिस से छुपते फिर रहे थे। एकाएक कामरेड बलविंदर सिंह की हत्या के बाद सीसीटीवी में इनकी तस्वीरें उजागर हुई तो इनका गैंगस्टर कनेक्शन सामने आया। हालांकि पत्रकारों ने पुलिस को तभी सचेत कर दिया था कि गैंगस्टर छोटे-मोटे अपराधियों को बरगला कर आंतकवादी घटनाओं में इस्तेमाल करने लग गए हैं। गैंगस्टरों मैं विशेष रूचि रखने वाले जालंधर के एक तेजतर्रार पत्रकार निखिल शर्मा ने अपने सूत्रों के आधार पर खुलासा किया था कि सुख भिखारी वालों और ज्ञाना खरलांवाला ने गुरजीत सिंह और सुखजीत सिंह को पनाह ही इस शर्त पर दी थी कि वे कामरेड बलविंदर सिंह की हत्या करेंगे।हालांकि तरनतारन के पुलिस अधिकारी भी दबी जुबान से इस तथ्य को स्वीकार करते थे मगर फिर भी वे इस घटना को आंतकवादी घटना मानने को तैयार नहीं थे।
गुरजीत और सुखदीप का आई एस आई के इशारों पर काम करने वाले कश्मीरी आतंकवादियों के साथ पकड़ा जाना साबित करने के लिए काफी है कि पंजाब के गैंगस्टर भी आंतकवादिओं के लिए काम कर रहे हैं और इन गैंगस्टर्स के सहयोग से विदेशों में बैठे आतंकवादी सरगना अपराध के दलदल में फं घटना को अंजाम देने तक का इंतजार करेगी?
*EDITOR-in-CHIEF*
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