नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों की रणनीति बनाने को लेकर दिल्ली में गुरुवार को हुई भाजपा सांसदों की अहम बैठक से पहले पार्टी के दो प्रमुख चेहरे नदारद दिखे। अभिनेत्री और मथुरा से सांसद हेमा मालिनी और गोरखपुर से सांसद और अभिनेता रवि किशन गुरुवार रात को उत्तर प्रदेश के सांसदों की बैठक में अनुपस्थित थे। खास बात यह है कि इन दोनों नेताओं की गैरहाजिर होने की कोई पूर्व सूचना भी नहीं थी। जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी विदेश दौरे पर होने की पूर्व सूचना देकर बैठक में नहीं आ सके। बैठक के दौरान सांसदों से छिटक कर बैठीं पूर्व केंद्रीय मंत्री और सुल्तानपुर से सांसद मेनका गांधी को लेकर भी चर्चा चली। राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को मेनका को आगे आने के लिए मनाना पड़ा।
बैठक में शामिल हुए एक सांसद ने नाम न छापने के अनुरोध पर अमर उजाला से कहा, बैठक में शामिल होने आए लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों की हाजिरी संगठन महामंत्री सुनील बंसल जांच रहे थे। इसी दौरान उन्होंने सांसद रवि किशन और हेमा मालिनी के बैठक में नहीं होने की बात अन्य लोगों से पूछी तब उन्हें जानकारी दी गई कि रवि किशन फ़िल्म की शूटिंग में व्यस्त हैं और हेमा मालिनी निजी करणों से बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगी। इसके बाद जैसे ही राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा पहुंचे तो उन्होनें भी सांसदों की हाजिरी चेक की। फिर उन्होंने भी दोनों नेताओं के अनुपस्थित होने का कारण पूछा। संसद सत्र के दौरान हुई इस अहम बैठक से नदारद होने पर नड्डा ने नाराजगी भी व्यक्त की।
सांसद ने बताया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद मेनका गांधी बैठक कक्ष के कोने में अकेले एक राउंड टेबल पर बैठी हुई थीं। जब जे.पी. नड्डा मंच पर बैठे तो उन्होंने राज्यसभा सांसद अरुण सिंह को बुलाकर कहा कि वे एक तरफ अकेले क्यों बैठी हैं। इसके बाद अरुण सिंह ने ये बात संगठन महामंत्री सुनील बंसल से कही। बंसल ने उनके पास जाकर दूसरी टेबल पर बैठने का निवेदन किया। इसके बाद दोनों नेता पूरी बैठक में एक साथ बैठे। बैठक में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, महेंद्र नाथ पांडेय, हरदीप सिंह पुरी, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा, कौशल किशोर, पंकज चौधरी समेत सभी वरिष्ठ सांसद शामिल हुए थे।
गौरतलब है कि बुधवार को भी राज्य के ब्रज, पश्चिम और कानपुर क्षेत्र के लोकसभा और राज्यसभा सांसदों की बैठक हुई थी। इसमें पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सभी सांसदों को मानसून सत्र के बाद अपने-अपने संसदीय क्षेत्र में ‘आशीर्वाद यात्रा’ निकालने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा था कि इस यात्रा के दौरान संसदीय क्षेत्र का एक भी गांव नहीं छूटना चाहिए। यात्रा के दौरान सांसद खुली जीप में घूमें, टीकाकरण अभियान और कोरोना काल में शुरू की गई योजनाओं की एक-एक गांव में निगरानी करें। सभी सांसद यह भी पता करें कि जरूरतमंदों को योजना का लाभ मिल रहा है या नहीं।