मोदी सरकार के आने के बाद इन योजनाओं के नाम बदल गए
नई दिल्ली: 2014 में सत्ता में आने के बाद से मोदी सरकार लगातार कई योजनाओं के नाम बदल रही है। इसी क्रम में केंद्र सरकार ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदल दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि भारत के नागरिकों से खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखने के लिए कई अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं। उनकी भावना का सम्मान करते हुए खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कहा जाएगा।
2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद ज्यादतर योजनाओं के नाम जो बदले गए हैं, उनमें ज्यादतर नेहरु-गांधी परिवार के नाम पर थे। इसके अलावा जहां-जहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार हैं वहां की राज्य सरकारों ने कई शहरों, कई संस्थानों और स्टेशनों और बंदरगाहों के नाम भी बदले दिए हैं।
वहीं दूसरी तरफ जनसंघ के संस्थापक और बीजेपी की विचारधारा के सूत्रधार दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर सबसे ज्यादा योजनाओं के नाम रखे गए हैं। सिर्फ योजनाएं ही नहीं बल्कि रेलवे-स्टेशन और शिक्षण संस्थान आदि के नाम भी दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखे गए हैं। दीनदयाल अंत्योदय योजना, दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य और योजना दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते कार्यक्रम समेत कई केंद्रीय योजनाएं चल रही हैं। इसके अलावा राज्यों में भी दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर कई योजनाएं हैं।
कई योजनाओं के नाम बदले जाने पर कांग्रेस का आरोप रहा है कि यह योजनाएं यूपीए सरकार के समय की हैं लेकिन मोदी सरकार केवल उसका नाम बदल कर उसे नया दिखाने की कोशिश कर रही है। 15 जून, 2017 को कांग्रेस नेता शशि थरूर ने दावा किया कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछली यूपीए सरकार की कई योजनाओं के केवल नाम बदलकर 23 नए कार्यक्रम चला रही है। हर बार नाम बदलने के मोदी सरकार के फैसले का विरोध करने वाली कांग्रेस ने इस मुद्दे को भी जोर-शोर से उठाने का मन बना लिया है।
किन-किन योजनाओं के नाम बदले गए
योजना का नाम पहले बाद में
इंदिरा आवास योजना प्रधानमंत्री आवास योजना
इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना
राजीव ग्रामीण विद्युतीकरण योजना- दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना
राजीव आवास योजना- सरदार पटेल राष्ट्रीय शहरी आवास मिशन
इसी तरह जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) कायाकल्प- शहरी बदलाव अटल मिशन में तब्दील कर दिया गया है।
2015 के एक अनुमान के मुताबिक नेहरू-गांधी परिवार के नाम पर देश में करीब 600 सरकारी योजनाओं के नाम रखे गए थे। 2012 में सूचना के अधिकार कानून के तहत 2012 में यह जानकारी सामने आई कि 12 केंद्रीय और 52 राज्य योजनाएं, 28 खेल टूर्नामेंट और ट्राफियां, 19 स्टेडियम, पांच हवाई अड्डे और बंदरगाह, 98 शैक्षणिक संस्थान, 51 पुरस्कार, 15 फेलोशिप, 15 राष्ट्रीय अभयारण्य और पार्क, 39 अस्पताल और चिकित्सा संस्थान, 37 संस्थानों, कुर्सियों और त्योहारों और 74 सड़कों, इमारतों और स्थानों का नाम कांग्रेस के पहले परिवार- नेहरू-गांधी परिवार के नाम पर रखा गया।
सरकारी योजनाओं के नाम बदलने के साथ-साथ केंद्र सरकार कई दिवंगत भाजपा नेताओं के नाम पर कई संस्थानों के नाम रख रख रही है। जैसे 2020 में मोदी सरकार ने इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस का नाम बदलकर मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस कर दिया। सरकार का कहना था कि यह निर्णय दिवंगत रक्षा मंत्री पर्रिकर की प्रतिबद्धता और विरासत का सम्मान करने के लिए लिया गया।
इसी तरह प्रवासी भारतीय केंद्र को भी पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के नाम पर रखा गया है। यह एक सांस्कृतिक केंद्र है जो प्रवासी भारतीयों के साथ भारत के जुड़ाव को दिखाता है। नवोदित राजनयिकों को प्रशिक्षित करने वाले विदेश सेवा संस्थान का नाम भी बदल कर सुषमा स्वराज भवन कर दिया गया है।
राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान का नाम बदलकर पूर्व वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली के नाम पर अरुण जेटली राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान कर दिया गया है। दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान स्टेडियन का नाम भी अब बदल कर अरुण जेटली स्टेडियम कर दिया गया है।
पीएम मोदी के नाम पर स्टेडियम
इसी साल फरवरी में अहमदाबाद में बने दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर रखा गया है। ‘मोटेरा’ के नाम से मशहूर इस स्टेडियम को अब तक ‘सरदार पटेल स्टेडियम’ के नाम से जाना जाता था।
कई राज्यों में भाजपा की सरकारें बनने के बाद कई शहरों के नाम भी बदल दिए गए। 2018 में, योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चलने वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने मुगलसराय जंक्शन का नाम बदलकर दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन कर दिया। इसी तरह इलाहाबाद को प्रयागराज और फैजाबाद को अयोध्या नाम दिया गया। हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने गुड़गांव को गुरुग्राम कर दिया गया। प्रधानमंत्री आवास के रेस कोर्स रोड का नाम बदलकर लोक कल्याण मार्ग और औरंगजेब रोड से एपीजे अब्दुल कलाम रोड कर दिया गया। 2017 में, गुजरात के कांडला पोर्ट का नाम भी दीनदयाल पोर्ट रखा गया।
भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने मांग की कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) का नाम बदलकर सुभाष चंद्र बोस विश्वविद्यालय कर दिया जाए। एक अन्य संगठन हिंदू महासभा ने पिछले साल मांग की थी कि दिल्ली विश्वविद्यालय का नाम बदलकर ‘वीर सावरकर विश्वविद्यालय’ कर दिया जाए।