भारद्वाज अस्पताल ने छुआ सफलता का एक और शिखर, अब स्ट्रोक का ईलाज हुआ शुरू, थ्रोम्बोलीसिस के पहले मामले का किया सफलतापूर्वक इलाज
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भारद्वाज हॉस्पिटल में स्ट्रोक का इलाज शुरू, थ्रंबोलाइसिस का किया पहला सफलतापूर्वक केस
कल शाम को 4:45 बजे 65 वर्षीय रत्नी देवी निवासी तहसील खुंडियां गांव बंगाल चौकी को घर में काम करते समय अचानक स्ट्रोक का अटैक हुआ और इनका शरीर का दाईं ओर का एक हिस्सा सुन पड़ गया और उसने काम करना बंद कर दिया।
उनके रिश्तेदार मरीज को उठाकर भारद्वाज मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल अरला पालमपुर में लगभग 6 बजे लेकर पहुंचे और तकरीबन वह 6:00 बजे पहुंचे ।
भारद्वाज मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में पहुंचने के बाद ही इनका अर्जेंट सीटी स्कैन करवाया गया सिविल अस्पताल पालमपुर में।
उसके बाद डॉक्टर प्रेम राज भारद्वाज ने केस को गंभीरता से अपने हाथों में लेते हुए इसकी रिपोर्टिंग पुणे सेंटर से करवा कर के 9:00 बजे मरीज को थ्रांबोसिस का इंजेक्शन लगवा दिया।
उस वक्त मरीज की दाहिने हाथ की व दाहिनी टांग की पावर जीरो के बराबर थी जिसने इंजेक्शन लगाने के बाद इंप्रूव करना शुरू कर दिया है।
जैसा कि आपको मालूम होगा यह इंजेक्शन तकरीबन 32000 रुपए का आता है जो कि him care और आयुष्मान स्कीम के तहत भी अस्पताल में उपलब्ध है और इसे सिर्फ पहले 4:30 घंटे के अंदर ही अटैक के बाद लगाया जा सकता है।
साढ़े चार घंटे बीतने के बाद इस इंजेक्शन को नहीं लगाया जा सकता।
इंजेक्शन लगाने के बाद मरीज की हालत में निरंतर सुधार हो रहा है और वह जल्द ही अपनी पुरानी अवस्था में आ जाएगा।