नई दिल्ली: ओलंपिक गेम्स के शुरू होने से पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि भारत इस बार ओलंपिक इतिहास में सबसे बेहतर प्रदर्शन करेगा। काफी हद तक ऐसा हुआ भी। मैरीकॉम और अमित पंघाल जैसे कई बड़े खिलाड़ियों के बाहर होने के बाद भी भारत कुछ पदक जीतने की दौड़ में है।
ओलंपिक इतिहास की बात करें, तो भारत के नाम अब तक कुल 28 पदक हैं। इनमें नौ स्वर्ण, सात रजत और 12 कांस्य पदक शामिल हैं। सबसे ज्यादा आठ स्वर्ण पदक भारत की हॉकी टीम ने जीते हैं। देश के नाम सिर्फ एक व्यक्तिगत स्पर्धा में गोल्ड है, जो अभिनव बिंद्रा ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक के दौरान शूटिंग में जीता था।
सबसे बेहतरीन ओलंपिक अभियान की बात करें, तो 2012 में लंदन में खेले गए टूर्नामेंट में भारत के नाम कुल छह पदक थे। इस बार भारत इस आंकड़े को पार कर सकता है। हालांकि, इसके लिए भारत को बचे हुए मेडल मुकाबलों में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करना होगा। आइए जानते हैं उन प्रमुख खेलों के बारे में जिससे भारत टोक्यो में इतिहास रच सकता है…
1. हॉकी: दो पदक की उम्मीद
इस बार भारत की महिला और पुरुष, दोनों टीमें सेमीफाइनल में पहुंची हैं। हालांकि, भारत की पुरुष टीम को सेमीफाइनल में बेल्जियम के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा। अब टीम इंडिया कांस्य पदक के लिए दावेदारी पेश करेगी। वहीं, भारत की महिला हॉकी टीम का सेमीफाइनल मैच 4 अगस्त को होना है। ऐसे में इस टीम से अब भी स्वर्ण पदक की उम्मीद बनी हुई है।
2. बॉक्सिंग: एक पदक की आस
पहली बार ओलिंपिक में हिस्सा ले रही लवलीना बोरगोहेन ने 69 किलोग्राम वेट कैटेगरी के सेमीफाइनल में जगह बनाकर यह सुनिश्चित कर दिया है कि देश को एक और मेडल मिलेगा। लवलीना अगर सेमीफाइनल मुकाबला जीत जाएं, तो रजत पक्का हो जाएगा। हालांकि, भारत के लोग उम्मीद करेंगे कि वो अपने अभियान को स्वर्ण पदक के साथ खत्म करें।
3. रेसलिंग: दो से तीन मेडल की उम्मीद
रेसलिंग (फ्री स्टाइल) के मुकाबलों की शुरुआत 4 अगस्त से होगी। इसमें बजरंग पुनिया, दीपक पुनिया और विनेश फोगाट भारत की ओर से मेडल की दावेदारी पेश करेंगे। पिछले कुछ सालों में रेसलिंग में भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया है। इसलिए इस बार भी भारत को अपने पहलवानों से काफी उम्मीदें हैं। भारत इस कैटेगरी में भी दो से तीन पदक अपने नाम कर सकता है।
4. एथलेटिक्स
भारत को एक पदक की उम्मीद जैवलिन थ्रो से भी होगी। नीरज चोपड़ा भारत की ओर से अपने मिशन की शुरुआत करेंगे। 2018 एशियन गेम्स के चैम्पियन नीरज 4 अगस्त को अपना पहला मुकाबला खेलेंगे।
कुल नौ मेडल जीत सकता है भारत
इस तरह टीम इंडिया इस बार कुल नौ मेडल अपने नाम कर सकती है। फिलहाल मीराबाई चानू ने रजत और पीवी सिंधु ने कांस्य जीतकर भारत को दो पदक दिला दिए हैं। लवलीना ने बॉक्सिंग के सेमीफाइनल में पहुंचकर मेडल पक्का कर लिया है। इस तरह भारत के लिए तीन मेडल तो पक्के हैं।
इसके बाद अगर हॉकी, रेसलिंग और जैवलिन थ्रो में भारतीय खिलाड़ी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करते हैं तो भारत के नाम कुल आठ से नौ पदक होंगे। इसमें हॉकी या बॉक्सिंग में स्वर्ण पदक भी मिल सकता है।
गोल्ड की उम्मीदों के लिए अहम दिन
4 अगस्त को हॉकी (महिला) का सेमीफाइनल मुकाबला अर्जेंटीना के खिलाफ दोपहर 3.30 बजे
4 अगस्त को बॉक्सिंग (महिला) का सेमीफाइनल मुकाबला तुर्की के खिलाफ सुबह 11 बजे
इन खिलाड़ियों पर भी रहेगी नजर
4 अगस्त को रेसलिंग राउंड ऑफ 16 (पुरुष, 57 किग्रा.) मुकाबले में रवि कुमार पर रहेगी सुबह 7.30 बजे
4 अगस्त को रेसलिंग राउंड ऑफ 16 (पुरुष, 86 किग्रा.) मुकाबले में दीपक पुनिया पर रहेगी सुबह 7.30 बजे
4 अगस्त को जैवलिन थ्रो (पुरुष) मुकाबले में नीरज चोपड़ा पर रहेगी सुबह 5.35 बजे
5 अगस्त को रेसलिंग राउंड ऑफ 16 (महिला, 53 किग्रा) मुकाबले में विनेश फोगाट पर रहेगी सुबह 7.30 बजे
6 अगस्त को रेसलिंग राउंड ऑफ 16 (पुरुष, 65 किग्रा.) मुकाबले में बजरंग पुनिया पर रहेगी सुबह 7.30 बजे
छह पदक के साथ लंदन ओलंपिक सबसे बेहतरीन रहा
भारत का अब तक का सबसे सफल ओलंपिक 2012 लंदन ओलिंपिक रहा था। इसमें भारत ने दो रजत और चार कांस्य समेत कुल छह पद अपने नाम किए थे। 2008 बीजिंग में टीम इंडिया ने एक स्वर्ण और दो कांस्य समेत तीन पदक जीते थे। जबकि 2016 रियो, 1952 हेलसिंकि और 1900 पेरिस ओलंपिक में दो-दो मेडल अपने नाम किए थे।
छह ओलंपिक में खाता भी नहीं खुल सका
भारत ने अब तक 24 ओलंपिक में हिस्सा लिया है। इसमें से छह ओलंपिक में एक भी मेडल नहीं जीत सका। 1896 से मॉडर्न ओलंपिक गेम्स आयोजित हो रहे हैं। तब से दुनिया ने अमेरिका, सोवियत संघ, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान जैसे देशों को महाशक्ति के तौर पर देखा।
अमेरिका और सोवियत संघ टॉप-दो में हैं। अमेरिका ने अब तक 1022 स्वर्ण, 795 रजत और 705 कांस्य पदक समेत कुल 2522 पदक जीते हैं। जबकि सोवियत संघ ने 395 स्वर्ण, 319 रजत और 296 कांस्य समेत कुल 1010 पदक जीते। ग्रेट ब्रिटेन इस मामले में तीसरे नंबर पर है। उसने 263 स्वर्ण, 295 रजत और 293 कांस्य समेत कुल 851 पदक अपने नाम किए।