आशा वर्कर की पांच दिवसीय ट्रेनिंग बैच नंबर 3 का आज पांचवा दिन ट्रेनिंग का हुआ समापन, भवारना में चल रही थी ट्रेनिंग

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OEEE ट्रेनिंग का तीसरे बैच का चौथा दिन

SANSAR SHARMA
कुछ इस तरह से,प्रार्थना से शुरुआत करते हुए, चार्ट द्वारा प्रस्तुति, रीकैप बारी बारी से, इसके बाद Dr. सुनील त्यागी जी द्वारा आज के विषय सामान्य आपातकालीन परिस्थितियों की पहचान,रोकथाम एवम प्रबंधन के बारे में जानकारी देते हुए सभीआशा को बताया कि सावधानी बरतें तो काफी सारी आपातकालीन घटनाओं को रोका जा सकता है फिर भी कोई अगर पीड़ित व्यक्ति के शरीर के बाहरी हिस्से में खून बह रहा है तो उस हिस्से को दस मिनट तक दबाकर रखें ताकि खून का थक्का बनने का समय मिल सके।आप के पास जो भी कपड़ा हो उसी से काम चलाएं।यदि बयक्ति बेहोश है और सांस ले रहा है तो रिकवरी पोजीशन में लिटाएं करबट में लिटाने को रिकवरी पोजीशन कहा जाता है ताकि अगर मुंह में कुछ भी तरल पदार्थ हो तो अपने आप निकल जाए।जब गांव में जाएं तो देखें कि कोई दुर्घटना बाला स्थान तो नहीं है उसके अनुसार सलाह दें जैसे नुकीली चीजें ,फर्श पर पानी, अलमारी के उपर भारी सामान इतियादी। जहां छोटे बच्चे हैं उन्हें सलाह दें कि बच्चों पर पूरी निगरानी रखें,अगर कोई जल जाए तो जले हुए भाग को 10मिनट तक बहते पानी के नीचे रखें, कभी भी बर्फ न लगाएं और न ही दूसरी कोई चीज अपनी मर्जी से लगाएं ,नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में दिखाएं।

जानवरों द्वारा काटने और खरोंच की घटना में 10मिनट तक घाव को साबुन, ब बहते पानी में धोएं।पीड़ित व्यक्ति को सहारा दें,टीका लगाने के लिए हस्पताल भेजें।सांप काटने की स्तिथि में पीड़ित को ज्यादा हिलाएं नहीं, न ही उस हिस्से को बांधना चाहिए।अगर किसी गर्वबती महिला को प्रसव पूर्व, प्रसव के कुछ दिनों बाद,या एक्टोपिक प्रेगनेंसी(यानिकि गर्व बच्चादानी में न ठहरकर बच्चादानी की ट्यूब में ठहरना जिसके कारण बहुत दर्द होती है) की अवस्था में योनि से खून निकल रहा हो तो जितनी जल्दी हो सके हस्पताल भेजें जहां महिला रोग विशेषज्ञ हो।अगर किसी को दौरे आते हैं तो जब दौरे रूक जाएं तभी रिकवरी पोजीशन में लाएं।इसके बाद Dr. अरुण राणा जी ने अपने अंदाज में आशा को बताया कि शुगर , ब उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति को कम ग्लूकोज बाला भोजन ब हर रोज दवाई लेनी चाहिए, कभी भी भूखा नहीं रहना चाहिए,अपनी शुगर ,ब्लड प्रेशर,भी चैक करवाते रहना चाहिए।स्वस्थ जीवन शैली को अपनाते हुए अपना हर रोज का काम जैसे व्यायाम,समय पर भोजन,दवाई,नियमित जांच,समय पर सोना,जागना,मेडिटेशन करना,चिंता मुक्त रहना,अच्छे कामों में व्यस्त रहना इतियादी।इसके बाद स्वास्थ शिक्षिका श्रीमती दया देवी जी ने आशा को बताया कि अपने कार्य क्षेत्र में लोगों को टीकाकरण बारे जरूर जानकारी दें ताकि बीमारियों की रोकथाम की जा सके।सभी गर्वबति औरतों की चार जांचे सुनिश्चित करें।,दोपहिया वाहनों में सवार होने पर व्यक्ति को हैल्मेट पहनने की सलाह दें,क्योंकि यह उनकी सुरक्षा के लिए जरूरी है, कार चलाते हुए शीट बेल्ट का इस्तेमाल करने की सलाह दें। अन्न नली में कुछ फंस गया हो तो पीड़ित व्यक्ति को आगे की तरफ झुकाएं ताकि उसका सिर छाती से नीचे हो संभव हो तो खांसने के लिए कहें,अपने हथेली के चपटे हिस्से की तरफ से पीड़ित व्यक्ति के दोनों कंधों की हड्डी के बीच में पांच बार थपकी मारें।या पीड़ित के पीछे खड़े हों अपने हाथो को पसलियों के नीचे कसकर पकड़ें और तेजी से अंदर और ऊपर खींचें।छोटे बच्चों में बच्चों को अपने घुटने पर रखें,बच्चे का सिर नीचे रखें,फिर उस्की कंधे की हड्डी के बीच में थपकी दें।इसके बाद अगले दिन की कार्यवाही बारे जानकारी दी गई।

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