OEEE ट्रेनिंग 4th Batch का तीसरा दिन कुछ इस अंदाज में
SANSAR SHARMA
OEEE ट्रेनिंग 4th Batch का तीसरा दिन कुछ इस अंदाज में
गायत्री मंत्र से शुरुआत करते हुए प्रार्थना,फिर चार्ट द्वारा प्रस्तुति,रीकैप, इसके बाद Dr. सुनील त्यागी जी द्वारा आज के विषय आंखों की देखभाल के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि आंखे प्रकृति द्वारा दिया गया अनूठा उपहार है,अगर आंखे न हों तो हम अलग अलग प्रकृति के नजारे नहीं देख सकते,इसलिए भगवान का शुक्रिया अदा करना चाहिए और आखों को स्वयं भी दान करना चाहिए और लोगों को भी सलाह देनी चाहिए ताकि हमारे मरने के बाद भी हमारी आंखों से कोई सांसारिक दुनियां देख सके ।
ऐसे भी यह शरीर मरने के बाद राख में बदल जाता है आखों का दान महादान है।इसमें सिर्फ कॉर्निया को ही लिया जाता है।आखों में कोई विकृति भी नहीं आती ,सिर्फ आधे घण्टे में ही सारा प्रोसीजर हो जाता है। ध्यान रखने योग्य बात यह है कि जिस कमरे में मृत व्यक्ति को रखा जाता है वहां पंखा न चलाएं,मृत व्यक्ति की आखें अगर खुली हैं तो बंद कर दें,नर्म मुलायम सूती कपड़े से ढक दें।और हॉस्पिटल फोन कर दें,सिर्फ एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति, कैंसर से पीड़ित व्यक्ति आंखे दान नहीं कर सकता बाकी सभी ,किसी भी उम्र के लोग दान कर सकते हैं।
इसके बाद आखों की संरचना बारे जानकारी दी गई, हम देखते कैसे हैं विस्तार से समझाया गया।Dr. अरुण राणा जी ने अपने विचार रखे उन्होंने बताया कि अपने कार्य क्षेत्र में जाकर देखें कि कम दृष्टि वाले, मोतियाबिंद वाले रोगियों को पहचाने और उन्हें नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में जाकर चैक करवाने की सलाह दें।
उंगलियां 10फीट की दूरी पर खड़े हो कर गिनने को बताएं,और E चार्ट 20फीट की दूरी पर खड़े हो कर E चार्ट का मुंह किस साइड को खुला है ऐसा पूछें।अपनी डायरी में नोट करें और जिनको भी दिक्कत है उन्हें नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में जाकर चैक करवाने को कहें। मोतियाबिंद ऑपरेशन से ही ठीक किया जा सकता है।लोगों को सलाह दें कि अपनी मर्जी से कोई भी दवाई न डालें,जितनी दवाई डालने को बताई गई है उतनी ही डालें।आखों की दवाई,या ट्यूब एक महीने तक ही इस्तेमाल करें।इसके बाद स्वास्थ शिक्षिका श्रीमती दया देवी जी ने अपने विचार रखे उन्होंने कहा कि अपने कार्य क्षेत्र में बच्चों के लिए मां का पहला गाड़ा दूध सुनिश्चित करें,विटामिन ए की 9 माह पूरे होने पर पहली खुराक, ब 6महीने के अंतराल में 5 साल तक नौ खुराकें सुनिश्चित करें,काजल का इस्तेमाल न करें,बच्चों को मौसमी फल,हरी पत्तेदार सब्जियां,दूध से बने पदार्थ,घी, मक्खन,घर में तैयार ताजा भोजन ही दें बाहर का मैदे बाला, तला भुना न दें।अपनी आंखों को कम से कम दो बार पानी से जरूर धोएं। अगर ऐनक लगी है तो जरूर लगाएं।एक दूसरे की ऐनक कभी न लगाएं।इसके बाद अगले दिन का काम ग्रुप बाइस दिया गया।