18 महिलाओं को मिला ‘सखी’ का सहारा

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ऊना (महेश गौतम)16 मई – प्रताड़ना अथवा घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं को अस्थाई आश्रय देने के लिए ऊना में बनाए गए ‘सखी’- वन स्टॉप सेंटर में अब तक 18 महिलाओं को सहारा मिला है। 30 मई 2019 को शुरू हुए वन स्टॉप सेंटर में घरेलू हिंसा के अंतर्गत मारपीट, दुष्कर्म, लैंगिक उत्पीड़न, भावनात्मक उत्पीड़न, बाल विवाह, महिला तस्करी, दहेज उत्पीड़न, एसिड अटैक, साइबर क्राइम, लावारिस महिलाएं एवं बच्चे व महिलाओं से संबंधित अन्य अपराध की पीड़ित महिलाओं को आश्रय प्रदान किया जाता है।
‘सखी’ नाम से जाने जाने वाले वन स्टॉप सेंटर में किसी भी तरह की प्रताड़ना की शिकार महिला को अधिकतम 5 दिन तक रहने व खाने की निशुल्क सुविधा प्रदान की जाती है। इसके अलावा उन्हें आवश्यकता अनुसार चिकित्सीय तथा कानूनी मदद के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक परामर्श भी प्रदान किया जाता है। केंद्र में रहने वाली महिलाओं की सुरक्षा के लिए यहां सीसीटीवी कैमरा भी लगाए गए हैं, जिनकी निगरानी जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं विकास विभाग के कार्यालय से की जाती है। आवश्यकता हो तो पांच दिन पूरा होने के बाद, पीड़ित महिला को शिमला जिला के मशोबरा में नारी सेवा सदन भेजा जा सकता है।
महिला के साथ अगर कोई बच्चा हो तो उसके भी वन स्टॉप सेंटर में रुकने की व्यवस्था प्रदान की जाती है। वन स्टॉप सेंटर से सहायता प्राप्त करने के लिए पुलिस के साथ-साथ किसी एनजीओ या फिर महिला एवं बाल विकास विभाग से संपर्क किया जा सकता है।
वन स्टॉप सेंटर का अपना भवन बनाने के लिए ऊना के साथ लगते चंद्रलोक कॉलोनी में भूमि विभाग के नाम पर स्थानांतरित हो चुकी है। विभाग को भवन निर्माण के लिए 24 लाख रुपए की धनराशि भी प्राप्त हो चुकी है तथा भवन निर्माण का कार्य एचपीएसआईडीसी को सौंपा गया है, जो जल्द ही शुरू होने वाला है।
मदद के लिए करें संपर्क
इस बारे में जिला कार्यक्रम अधिकारी आईसीडीएस सतनाम सिंह ने कहा कि वन स्टॉप सेंटर को सखी के नाम से भी जाना जाता है। जहां घरेलू हिंसा से प्रभावित महिलाओं को एक ही छत के नीचे निजी और सार्वजनिक स्थानों में सहायता प्रदान की जाती है। कोई भी जरूरतमंद महिला फोन नंबर 01975-225844 तथा 98824-06710 पर संपर्क कर सकती है। यह केंद्र चौबीस घंटे व सातों दिन खुला रहता है। दो सप्ताह पूर्व प्रदेश सरकार ने यहां पर कानूनी परामर्श प्रदान के लिए लीगल काउंसलर सहित 4 कर्मचारियों को तैनात कर दिया है।

किसी भी महिला को मिलता है सहारा

इस केंद्र के बारे में उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने कहा कि ‘सखी’ का उद्देश्य परिवार, समुदाय और कार्य स्थल पर, हिंसा से प्रभावित, निजी और सार्वजनिक स्थानों में प्रभावित महिलाओं की सहायता करना है। हिंसा की शिकार महिला के लिए जब कोई सुरक्षित आश्रय स्थल नहीं होता, तब वन स्टॉप सेंटर उनकी मदद करता है। सेंटर के माध्यम से किसी भी उम्र, वर्ग, शिक्षा की स्थिति, वैवाहिक स्थिति, जाति, शारीरिक, यौन, भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और आर्थिक दुर्व्यवहार का सामना करने वाली महिलाओं को सहायता और निवारण के साथ सहायता प्रदान की जाती है।

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