महिलाओं का बुढ़ापा सरकार ने किया एक निजी कम्पनी के हवाले, तुरन्त प्रभाव से एनपीएस के तहत कटने वाले फंड को बन्द कर पुराना जीपीएफ सिस्टम बहाल करे सरकार : उपासना वालिया

न्यू मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन संघ हिमाचल प्रदेश राज्य महासचिव उपासना वालिया ने सरकार से मांग की कि तुरन्त प्रभाव से एनपीएस के तहत कटने वाले फंड को बन्द कर पुराना जीपीएफ सिस्टम बहाल करे सरकार।
महिलाओं का बुढ़ापा सरकार ने एक निजी कम्पनी के हवाले कर दिया जो कि बेमानी है और लोकतन्त्र का हनन है जबकि नेता लोग हारने के बाद लाखों की पेंशन सरकारी खजाने से ले रहे हैं और विधायक या सांसद बनने के बाद लोग बिना टैक्स दिए लाखों की पेंशन लेते हैं । उपासना ने कहा कि हमारा हर महीने कटने वाला फंड किसी प्राइवेट कंपनी के हवाले किया जा रहा है और जरूरत पड़ने पर पैसा नही मिलता । जो कि एक अत्याचार है।
सरकार कहती है कि हम हर हिंदुस्तानी की दुख तकलीफ समझते हैं पर पांचवे साल में भी एनपीएस कर्मियों की दुख तकलीफ नही समझ पाए । नरेंद्र मोदी जी के कर्मचारी एनपीएस प्रथा से त्रस्त हैं ,दुःखी हैं पर प्रधानमंत्री जी इस बारे में सोच नही पा रहे हैं । उपासना ने कहा कि हम ईमानदारी से अपना कर्तव्य पूर्ण कर रहे हैं परन्तु बुढ़ापे में हमें मवेशियो की तरह दर दर की ठोकरे खाने के लिए छोड़ा जा रहा है । नेता अगर हारने पर पुरानी पेंशन की मौज लेते हैं तो संविधान में लिखित कर्मचारियो की पेंशन क्यों छीनी । जनप्रतिनिधि जनता के चहेते होते हैं क्योंकि जनता उन्हें अच्छा इंसान समझ कर अपना नेता मानती है पर पांच साल में जनता को छोड़ नेता अपना भला करने में लगे रहते हैं औऱ हारने पर मोटी मोटी पेंशन लेते हैं ।
न्यू मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन संघ जीपीएफ सिस्टम की मांग करता है ।