बहुत नाइंसाफी है अडानी जी! आखिर क्यों बंद की अदानी ने सीमेंट फैक्ट्री – एक नज़र रमेश चन्द भारद्वाज, (पूर्व कर्मचारी अदानी ग्रुप, अब प्रत्याशी, बसपा, सरकाघाट विधानसभा)

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RAJESH SURYAVANSHI
Editor-in-Chief, HR MEDIA GROUP, 9418130904, 8988539600

आखिर क्यों बंद की अदानी ने सीमेंट फैक्ट्री – एक नज़र रमेश चन्द भारद्वाज, (पूर्व कर्मचारी अदानी ग्रुप, अब प्रत्याशी, बसपा, सरकाघाट विधानसभा)

अदानी ग्रुप से अलग (सेवानिवृत) हुए कर्मचारी – रमेश चन्द की मानें, तो अदानी ने सीमेंट फैक्ट्री पर ताला इसलिए लगा दिया, क्यूंकि वो यहां भी अपनी हर जगह मनमानी करना चाहते होंगे और बहुत ही कम समय में जितने पैसों की ये कंपनियां खरीदी है, उन्हें पूरा करके यहां से भी खूब पैसा बटोरना चाहते हैं। दरअसल अगर वो ऐसा नहीं करते तो फिर वो दुनियां के सबसे अमीर व्यक्ति कैसे बनेंगे? क्यूंकि अभी वो मीडिया के अनुसार सिर्फ़ दुनियां के दूसरे अमीर व्यक्ति हैं। इस सक्रिय सोशल एक्टिविस्ट, लेखक एवम विचारक ने ज़ोर दे कर और ये कहां हैं कि गौतम अदानी अच्छे व्यक्ति हैं, लेकिन पैसे के मामले में वो कई कर्मचारीयों को 12 – 18 घंटे, उनसे कई तरह के काम करवा करके (Voilating Article 9A Of Industrial Dispute Act) भी अब तक बिना किसी वजह से नौकरी से निकाल चुके हैं, और कई लोगों का भविष्य बनाने के साथ बहुत से मेहनती और समयनिष्ठ लोगों का भविष्य ख़राब करने के लिए भी वहीं जिम्मेवार हैं। और ऐसा तो इसलिए भी हो रहा हैं क्यूंकि इतना बड़ा कारोबार उनसे संभलता भी नहीं होगा।

दरहश्ल इसके लिए जिम्मेवार कांग्रेस और बीजेपी के वो नेता भी जिम्मेवार हैं, जिनके द्वारा फैक्ट्री लाइसेंस की प्रक्रिया और नियम एवम शर्तें , जनता और कर्मचारियों के हितों में न बनाकर, इन उद्योगपतियों के हित में ही बनाई जाती है, क्यूंकि ज्यादातर उद्योगपतियों की सांठ गांठ कुछ एक नेताओं से भी होती हैं।

ये हमारे देश का दुर्भाग्य हैं कि आजतक किसी भी सरकार ने प्राइवेट सैक्टर में काम कर रहे लोगों के हित और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए कोई योजना अभी तक नहीं बनाई हैं। इससे स्पष्ट होता हैं की ज्यादातर प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों को कुछ एक उद्योगपति, नेताओं के हस्तक्षेप से, इन उद्योगपतियों को अमीर बनाने का ही काम करते। यूज एंड थ्रो पॉलिसी इसी का एक उदहारण हैं।

उन्होंने कहां जब भी उन्हें सरकार में काम करने या सरकार चलाने का मौका मिलेगा, तो वो सभी उद्योगपतियों, सरकारी व प्राइवेट कर्मचारियों तथा जनता सभी के लिए एक विशेष रणनीति जैसे (PFOAA – Pension For One And All) इत्यादि कई सारी योजनाएं त्यार करेंगे और उन्हे सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए लागू करेंगे।

गौरतलब हैं उन्होंने इस बार, इस काम को करने कर बसपा की टिकट पर सरकाघाट विधानसभा से विधायक का चुनाव भी लड़ा था, लेकिन लग रहा हैं, उनके सामाजिक काम और सोच अभी तक जनता तक नहीं पहुंची हैं, हालंकि हारने की विशेष वज़ह जातिवाद भी रही हैं।

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