भ्रष्टाचार के आरोपों से सरकने लगा है नक़ाब आहिस्ता… आहिस्ता, वाइस चांसलर की कुर्सी छिनते ही खुलने लगे हैं दबे हुएराज़
कुर्सी से उतरते ही खुलने लगी भ्रष्टाचार की परतें
जैसाकि पहले भी वाइस चान्सलर के पदच्युत होने से पूर्व भ्रष्टाचारों की श्रृंखला के प्रकाशन के दौरान INDIA REPORTER TODAY ने यह खुलासा किया था कि एक्सटर्नल फंडेड प्रोजेक्ट के समाप्त होने के बाद अस्थाई कर्मचारी की नियुक्तियां रद्द हो जाती हैं।
हमने पड़ताल की थी कि जब एग्रीकल्चर बायो टेक्नोलॉजी विभाग में एक एक्सटर्नल फंडेड प्रोजेक्ट समाप्त हुआ तो उसमें की गई अस्थाई नियुक्तियों को रद्द करने के बजाय उन्हें स्थाई कर्मचारियों के रूप में विश्वविद्यालय में विलय करने का प्रस्ताव रखा गया हालांकि तत्कालीन सचिव ने इस प्रस्ताव पर प्रश्न चिन्ह लगाया था।
देखने योग्य बात यह है की यह प्रस्ताव 17 -5 -2022 को प्रशासन को सोपा गया था मगर जब तक वीसी साहिब कुर्सी पर आसीन थे इस प्रस्ताव को दबा के रखा गया और अस्थाई कर्मचारियों को कृषि विश्वविद्यालय की इनकम से तनख्वाह दी गई लेंकिन कुर्सी से उतरे अभी जुम्मा-जुम्मा एक सप्ताह ही हुआ है।
एक हफ्ते के अंदर करीबन 1 साल 3 महीने बाद यानि कि 28-8- 2023 को वह प्रस्ताव रद्द कर दिया गया।
ध्यान रहे, खबर की पुष्टि के लिए रद्द किए गए पत्र की प्रतिलिपि भी प्रकाशित की गई है।
निष्कर्ष यह निकलता है यदि कुर्सी ना जाती तो यह प्रस्ताव भी निरस्त न होता।
आने वाले समय में और भी भ्रष्टाचार की बहुत सी परतें खुलेंगी जिनका प्रकाशन हम सुबूतों सहित पहले ही कर चुके हैं।