मुख्यमंत्री सुक्खू और राज्यपाल में ठनी : कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर सुक्खू सरकार और गवर्नर आमने-सामने, दोनों के लिए बना प्रतिष्ठा का प्रश्न, सरकार और राज भवन में और अधिक बढ़ सकता है विवाद
कुलपतियों की नियुक्ति बनी प्रतिष्ठा का प्रश्न, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू नहीं होने देंगे प्रदेश के हितों से खिलवाड़ इसीलिए मुख्यमंत्री की हो रही जय जयकार
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय और सरदार पटेल विश्वविद्यालय में कुलपतियों के चयन को लेकर राजभवन और सरकार में विवाद
शिमला
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) शिमला और सरदार पटेल विश्वविद्यालय (एसपीयू) मंडी में कुलपतियों के चयन को लेकर राजभवन और सरकार के बीच विवाद बढ़ गया है। राजभवन ने कुलपति के चयन के लिए गठित सर्च कमेटी में सरकार ने अभी तक अपना प्रतिनिधि नहीं दिया है।
राजभवन सचिवालय ने इस बाबत सरकार को तीसरी बार रिमाइंडर भेजा है। उधर, जल्दबाजी में कमेटी गठित होने से नाखुश सरकार ने इस बाबत कानूनी पहलुओं को लेकर मंथन शुरू कर दिया है। राजभवन और सरकार के बीच इस मामले को लेकर टकराव की स्थिति बनती नजर आ रही है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में राजभवन ने एचपीयू के लिए कुलपति चुनने के लिए सर्च कमेटी गठित की है। सर्च कमेटी के सदस्यों की संख्या पूरी न होने से 30 अक्तूबर को प्रस्तावित कमेटी की पहली बैठक में कोरम पूरा नहीं होने के आसार हैं। राजभवन और सरकार के एकमत होने के बाद ही विवि में कुलपति की नियुक्ति हो सकती है। इस नियम का एक्ट में स्पष्ट उल्लेख है। राजभवन बिना सरकार की सहमति लिए अपने स्तर पर कुलपति का चयन नहीं कर सकता।
दोनों विश्वविद्यालयों में कुलपति के चयन को लेकर सरकार और राजभवन में सहमति बनती नहीं दिख रही है। ऐसे में संभावित है कि कुलपतियों की चयन प्रक्रिया और आगे लटक सकती है। राजभवन के रिमांइडर का जवाब देने के लिए सरकार ने विधि विभाग से चर्चा शुरू कर दी है। आने वाले दिनों में सरकार की ओर से इस बाबत पत्राचार किया जाएगा।
सुखाश्रय विधेयक और लोकतंत्र प्रहरी सम्मान विधेयक को लेकर पहले से ही राजभवन और सरकार के बीच शीतयुद्ध चल रहा है। विधानसभा से पारित कर राजभवन भेजे गए दोनों विधेयक अभी तक अटके हुए हैं।
30 और 31 अक्टूबर को प्रस्तावित बैठकों में दिल्ली विवि के कुलपति योगेश सिंह की अध्यक्षता वाली कमेटी को एचपीयू का नया वीसी चुनने का जिम्मा सौंपा गया है। इस कमेटी में गोरखपुर विवि के पूर्व कुलपति सुरेंद्र कुमार दुबे को सदस्य नियुक्त किया गया है। इस कमेटी की पहली बैठक 30 अक्तूबर को होगी। उधर, एसपीयू का कुलपति चुनने का जिम्मा बीकानेर तकनीकी विवि कोटा, राजस्थान के पूर्व कुलपति एचडी चरण को सौंपा गया है। इस कमेटी में मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी गोरखपुर के पूर्व कुलपति जेपी पांडे को सदस्य बनाया गया है। इस कमेटी की पहली बैठक 31 अक्तूबर को होगी।
विवाद के कारण
- राजभवन ने बिना सरकार की सहमति के जल्दबाजी में सर्च कमेटी का गठन किया।
- सर्च कमेटी में सरकार का प्रतिनिधि नहीं है।
- राजभवन ने सर्च कमेटी की पहली बैठक की तिथि 30 अक्तूबर तय की है, जो सरकार को स्वीकार्य नहीं है।
विवाद के संभावित परिणाम
- कुलपतियों की चयन प्रक्रिया और आगे लटक सकती है।
- राजभवन और सरकार के बीच विवाद बढ़ सकता है।
- हिमाचल प्रदेश के उच्च शिक्षा क्षेत्र पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।