वीरभद्र सिंह इतिहास के प्रोफेसर बनना चाहते थे आज खुद रच दिया इतिहास

उनके प्रशंसक बेहद ख़ुश

0

वीरभद्र सिंह इतिहास के प्रोफेसर बनना चाहते थे आज खुद रच दिया इतिहास

INDIA REPORTER NEWS
SHIMLA : VISHAL SINGH VERMA
23 जून 1934 को सराहन में जन्मे वीरभद्र सिंह इंदिरा गाँधी के सबसे करीबी और विश्वसनीय माने जाते थे| यही कारण था की उन्हें ही कोंग्रेस आई का सबसे पहला| प्रदेशाध्यक्ष चुना गया| शिमला बिशप कॉटन स्कूल से पढ़ाई करने के बाद जब दिल्ली से उच्च शिक्षा हासिल कर इतिहास के प्रोफेसर बनने की इच्छा उन्होंने पंडित नेहरू को बताई तो नेहरू ने कहा इतिहास का प्रोफेसर बनने से अच्छा इतिहास रच कर दिखाओ| नतीजा ये हुआ की शिमला यानि महासू की सीट से चुनाव लड़े भी और जीते भी|
हिमाचल प्रदेश की राजनीति में पिछले साठ साल से कांग्रेस का मतलब वीरभद्र सिंह समझा जाता है| मुख्यमंत्री के रूप में जिनकी एक खास बात है की जिसने भी उनको आँखे दिखाई उसका राजनितिक सफ़र चौपट हो गया| कुशाग्र बुद्धि, सटीक निर्णय लेने की कला और श्री कृष्ण के वंशज, रामपुर बुशहर रियासत के राज परिवार से सम्बन्ध रखने वाले वीरभद्र सिंह आज भी वहां की जनता के लिए राजा ही माने जाते हैँ|
उनकी धर्मपत्नी प्रतिमा सिंह को रानी और पुत्र विक्रमदित्य सिंह को राजपरिवार की तरह की सम्मान दिया जाना और उनको टीका कह कर सम्बोधित करना इस बात का सूचक है|विकास पुरुष राजा वीरभद्र सिंह पिछले दिनों लम्बी बीमारी से ठीक हो कर निकले हैँ| वीरभद्र सिंह का कहना की वो हैरान हैँ ये डॉक्टर सच मच के भगवान हैँ| इन दिनों वीरभद्र सोलन ज़िले के कुठाड़ राजमहल में आनन्द के रहे हैँ| चाहने वाले इस बात से बेहदख़ुश हैँ की इस बहाने उन्हें अपने प्रिय नेता का आशीर्वाद मिल रहा है|
इस बिच उनका ब्यान आया की अगर उनकी सेहत अच्छी रही और माँ भीमाकाली ने चाहा तो वे चुनाव अवश्य लड़ेंगे| उनके प्रशंसक इस बात से बेहद ख़ुश हैँ|
इंडिया रिपोर्टर उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता है|

Leave A Reply

Your email address will not be published.