शिक्षा सवांद के नाम पर हो रही राजनिति ने सरकारी स्कूलों का किया बेड़ा गर्क । सरकारी स्कूलों पर हर साल करोड़ों का बजट आता है परन्तु गरीब बच्चो का आज भी भविष्य सुरक्षित नही है ।
कुछ चापलूस शिक्षक राजनिति का शिकार बन कर बच्चों का भविष्य अंधकार मय बना कर शिक्षण कार्य को बेइज्जत कर रहे हैं ।
घरों के पास अपनी सेवाएं देने वाले शिक्षक मात्र वोट बैंक बन रह गए हैं। शिक्षा संवाद के नाम पर वोट बैंक की राजनिति हो रही है ।
शिक्षक गलत नही हैं पर उन्हें शिक्षा से दूर गलत तरीके से राजनिति के तहत प्रताड़ित किया जा रहा है । अध्यापक का कार्य बच्चो को अच्छी शिक्षा देना है न कि राजनिति का शिकार बनना है ।
दुःखद स्तिथि जब अच्छा कार्य करने वाले शिक्षकों को प्रताड़ित किया जाता है । ट्रांसफर के नाम पर धमकाया जाता है । शिक्षक एक विशेष प्राणी है परन्तु उसे बच्चो की शिक्षा से दूर एक राजनीतिक प्राणी बना दिया है ।
देश के सभी शिक्षाविदों से निवेदन है कि गरीबो के बच्चो को सही शिक्षा दें। शिक्षकों को राजनिति का शिकार न बनने दें । हमारी भावी पीढ़ी अब शिक्षक नही बनना चाहती क्योंकि शिक्षकों का हर स्तर पर शोषण हो रहा है ।