गिरती राजनीति! लॉ मेकर बने लॉ ब्रेकर : “इतना सन्नाटा क्यों है भाई?” लोग यही पूछ रहे हैं विधायक महोदय से और कह रहे हैं कि हमारी मासूम बेटियों को भ्रष्ट नेताओं से बचाओ…
*अब बेटियों को भ्रष्ट नेताओं से बचाओ* का नारा लोग कर रहे बुलन्द
*कलम के सिपाही अगर सो जाएं तो वतन के कथित मसीहा वतन बेच देंगे, वतन बेच देंगे…*
Rajesh Suryavanshi writes
हमारे महान भारत देश में हर रोज महिला उत्पीड़न के कई गंभीर मामले सामने आ रहे हैं, जो हमारे समाज को झकझोर रहे हैं।
भ्रष्ट राजनीतिज्ञों के बारे में एक नारा आजकल बहुत बुलंद हो रहा है कि हमारी बच्चियों को भ्रष्ट नेताओं से बचाओ। जब बाड़ ही खेत को खाने लगे तो हालात डरावने प्रतीत होते हैं। जिन नेताओं को जनता अपना कीमती वोट देकर चुनती है और अपने हितों की रक्षा के लिए विधानसभा में भेजती है, अगर वही हमारी बच्चियों के साथ ऐसा घिनौना बर्ताव करेंगे तो लोकतंत्र का क्या हश्र होगा, इसका अंदाज़ा आप खुद लगा सकते हैं। ख़ास कर उस महान राजनीतिज्ञ से, जो पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष रहा हो, वही ऐसी गंदी करतूत करे तो विश्वास नहीं होता।
हिमाचल प्रदेश में भी हाल ही में राजनीति से प्रेरित एक ऐसा ही शर्मनाक मामला मीडिया की सुर्खियों में छाया रहा और अचानक सब कुछ एकदम शांत हो गया जैसे कुछ हुआ ही न हो। ऐसा होना संभावित भी था क्योंकि इस अश्लील कांड में एक विधायक संलिप्त है जोकि काफी पावरफुल है और पिछली सरकार के चहेते रहे हैं साहब।
इंसानियत शर्मिंदा हो रही है। पूरी राजनीतिक पार्टी किसी न किसी तरह से मामले को दबाने में लगी है। खुद को संस्कारित और शिष्टाचारी पार्टी बताने वाली मानसिकता पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश के चंबा में एक युवती शमा ने पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष वंश राज (काल्पनिक नाम) के खिलाफ अश्लीलता और छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराया था, जिसने राजनीतिक हलकों में तूफान मचा दिया था। मामले ने तूल पकड़ लिया और लोगों ने आरोपी के खिलाफ आवाज उठाई। हालांकि, शमा (काल्पनिक नाम) ने खूब तुफान मचाने के बाद में अपनी शिकायत वापस ले ली, जिससे मामला शांत हो गया। विधायक के खिलाफ 20 वर्षीय युवती शमा ने मोबाइल पर अश्लील मैसेज भेजने का आरोप लगाया था। लॉ मेकर से लॉ ब्रेकर बने विधायक महोदय से युवती कोई काम करवाना चाहती थी जिसके बदले में वंशराज भी कुछ चाहते थे। उनकी इस गंदी नियत का पर्दाफ़ाश अश्लील messages से हो गया। शिनाख्त में युवती के सभी आरोप सही पाए गए थे। अश्लील संदेश भी जांच में सही निकले। यह बात लोगों के गले नहीं उतर रही कि आखिर किस सौदेबाजी के परिणामस्वरूप युवती अपनी शिकायत वापिस लेने को राजी हुई। पार्टी को बदनामी से बचाने के लिए हमारे जो *माननीय* बीच-बचाव करने मैदान में उतरे और किसी तरह मामला रफा-दफ़ा करवाने में कामयाब रहे, उन नेताओं से हम अपनी बहू-बेटियों की सुरक्षा और अपने हितों की रक्षा की उम्मीद कैसे कर सकते हैं।
इन बड़े नेताओं को चाहिए था कि अपने साथी भ्रष्ट नेता को ज़ोरदार सबक सिखाते और अपनी पार्टी की गरिमा को बनाए रखते। जनता को विश्वास दिलाते की वाकई उनकी पार्टी सुसंस्कृत है, ईमानदार है, लोगों के हितों की रक्षक है लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और भ्रष्ट नेता को राजनीतिक संरक्षण देकर बचा लिया गया। इसकी जितनी निंदा की जाए, कम है। राजनीति का स्तर न जाने अभी औए कितना गिरना बाकी है।
अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या दोनों पक्षों के बीच कोई समझौता हुआ है या कोई अन्य कारण है जिससे मामला इतनी जल्दी शांत हो गया। जोरदार तरीके से आया तूफान एकदम शांत कैसे हो गया।
लोगों में यह जानने की उत्सुकता है कि क्या वास्तव में कोई डील हुई है या कोई ब्लैकमेलिंग चल रही है।
लड़की और नेता की चुप्पी यह कह रही है कि “इतना सन्नाटा क्यों है भाई!” यह मामला एक बार फिर से हमारे समाज और राजनीति की वास्तविक असलियत और सच्चाई को उजागर कर रहा है। हमें अपने समाज और राजनीति में परिवर्तन लाने के लिए एकजुट होना होगा और सच्चाई और न्याय के लिए लड़ना होगा।
लोगों का मानना है कि उक्त नेता ने पीड़ित युवती शमा को कोई ना कोई सान्त्वना देकर फिलहाल चुप करवा दिया है ताकि उनकी और अधिक जग हसाई ना हो तथा पोलें खुलने से बच जाएं। यही कारण शिकायत वापिसी का बताया जा रहा है।
लोगों का मानना है कि पार्टी के बड़े नेताओं ने बीच बचाव करने में अपनी अहम भूमिका निभाई है ताकि पार्टी की किरकिरी ना हो।
वैसे सबसे बड़ी हैरान कर देने वाली बात यह है कि उक्त युवती शमा विधायक की ही पार्टी के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता की ही पुत्री है।