नई दिल्ली: ओलंपिक में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीमों ने विश्व रैंकिग में लंबी छलांग लगाई है। विश्व रैंकिग में पुरुष टीम तीसरे तो महिला टीम आठवें स्थान पर पहुंची है। खेलों के महाकुंभ में पुरुष टीम ने जहां कांस्य पदक हासिल किया तो वहीं महिला टीम पदक से चूक गई। ओलंपिक में पदक जीतने का सफना उसका अधूरा रह गया। वह चौथे स्थान पर रही। दरअसल, महिला टीम को प्ले-ऑफ में ब्रिटेन से 3-4 से हार का सामना करना पड़ा। बता दें कि भारतीय पुरुष टीम ने ओलंपिक में ऐतिहासिक प्रदर्शन किया। पुरुष टीम ने कांस्य पदक जीतकर 41 साल के पदक सूखे को समाप्त किया। वह स्वर्ण पदक विजेता बेल्जियम और रजत पदक हासिल करने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम से पीछे है।
पुरुष टीम एफआईएच हॉकी प्रो लीग के दूसरे चरण के पहले तीन राउंड में शानदार प्रदर्शन के बूते पिछले साल मार्च में चौथे स्थान पर थी। वहीं महिला टीम की इससे पहले सर्वश्रेष्ठ विश्व रैंकिंग में नौवें स्थान पर थी। महिला टीम 2018 में लंदन में विश्व कप में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। तभी उसने यह स्थान हासिल की थी। इससे टीम शीर्ष रैंकिंग की एशियाई टीम बनी थी और उसने जकार्ता में 2018 एशियाई खेलों में रजत पदक जीता था।
भारतीय पुरुष टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने कहा, ‘यह उस खेल के प्रति हम सभी की कड़ी मेहनत और समर्पण का नतीजा है। हॉकी ने हमें सबकुछ दिया है। उन्होंने कहा, ‘रैंकिंग और 41 साल बाद ओलंपिक पदक से भारतीय हॉकी के बढ़ने की शुरुआत हुई है। अब पीछे मुड़कर नहीं देखना, हमने अपने लिए मानदंड स्थापित कर दिया है और हम इससे आगे बढ़ना ही चाहेंगे।’
वहीं, महिला टीम की कप्तान रानी रामपाल ने कहा, ‘हम पोडियम पर पहुंचने के बहुत करीब थे। यह टीम को काफी दुख दे रहा है कि हम ऐसा नहीं कर पाए। हालांकि अच्छी चीज है कि हमने हाल के वर्षों में शानदार प्रदर्शन किया है और मुझे इस पर गर्व है।’ रानी ने कहा, ‘ओलंपिक में शीर्ष चार में रहना और विश्व रैंकिंग में आठवें स्थान पर पहुंचना हमारे लिए बहुत बड़ी चीज है, जिससे हमारा आत्मविश्वास बढ़ा है और इससे हमें आगे बढ़ने में निश्चित रूप से मदद मिलेगी।’