स्वतंत्र देव सिंह के बाद कौन बनेगा UP का अध्यक्ष?
स्वतंत्र देव सिंह के योगी आदित्यनाथ कैबिनेट (Yogi Cabinet) में शामिल होने के साथ ही सत्ताधारी दल अब राज्य के नए प्रमुख को लेकर मंथन कर रही है.
स्वतंत्र देव सिंह के योगी आदित्यनाथ कैबिनेट (Yogi Cabinet) में शामिल होने के साथ ही सत्ताधारी दल अब राज्य के नए प्रमुख को लेकर मंथन कर रही है. (फाइल फोटो- twitter/swatantrabjp)
उत्तर प्रदेश बीजेपी (UP BJP Chief) के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के योगी आदित्यनाथ कैबिनेट (Yogi Cabinet) में शामिल होने के साथ ही सत्ताधारी दल अब राज्य के नए प्रमुख को लेकर मंथन कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, ‘एक व्यक्ति-एक पद’ के नियम के चलते पार्टी जल्द ही सिंह से अध्यक्ष पद छोड़ने के लिए कहेगी और इस पद के नए नाम का ऐलान करेगा।
प्रज्ञा कौशिकलखनऊ. उत्तर प्रदेश बीजेपी (UP BJP Chief) के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के योगी आदित्यनाथ कैबिनेट (Yogi Cabinet) में शामिल होने के साथ ही सत्ताधारी दल अब राज्य के नए प्रमुख को लेकर मंथन कर रही है.
सूत्रों के मुताबिक, ‘एक व्यक्ति-एक पद’ के नियम के चलते पार्टी जल्द ही सिंह से अध्यक्ष पद छोड़ने के लिए कहेगी और इस पद के नए नाम का ऐलान करेगी.
सूत्रों ने साथ ही बताया कि बीजेपी इस बार किसी ब्राह्मण नेता (BJP Brahmin Face) को अध्यक्ष पद बैठाना चाह रही है. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता बताते हैं, ‘प्रदेश अध्यक्ष पद पर चर्चा जारी है और ब्राह्मण नेता को इस पद पर नियुक्त करने को लेकर ही चर्चा चल रही है.’
यूपी बीजेपी के अध्यक्ष पद के लिए जिन नामों पर विचार किया जा रहा है, उनमें पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, राज्य महासचिव गोपाल नारायण शुक्ला और राज्य के पूर्व बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा शामिल है
राज्य में ब्राह्मणों की संख्या कुल आबादी का करीब 10% है और यह समुदाय चुनावी रूप से काफी महत्वपूर्ण है. किसी ब्राह्मण नेता को ही प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के पीछे एक तर्क यह भी दिया जा रहा है कि राज्य के हालिया विधानसभा चुनाव में तमाम नाराजगी की खबरों के बावजूद ब्राह्मण वोटर बीजेपी के पक्ष में ही एकजुट दिखे.
योगी आदित्यनाथ सरकार के पहले कार्यकाल में ब्राह्मण समुदाय की अनदेखी किए जाने पर कई नेताओं ने नाराजगी जताई थी. ऐसे में विधानसभा चुनाव के दौरान ब्राह्मणों की नाराजगी को दूर करने के लिए शीर्ष ब्राह्मण नेताओं का एक पैनल गठित भी किया गया था.
पार्टी सूत्रों का मानना है कि बृजेश पाठक को डिप्टी सीएम का पद दिए जाने के साथ, बीजेपी की राज्य इकाई का प्रमुख भी एक ब्राह्मण को बनाए जाने से सरकार और संगठन दोनों में समुदाय का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होगा.
पिछली सरकार में मंत्री रहे वरिष्ठ नेता जो इस बार कैबिनेट में शामिल नहीं किए गए हैं, जैसे सिद्धार्थ नाथ सिंह, आशुतोष या गोपाल टंडन को भी संगठन में शामिल किया जा सकता है.