गाजियाबाद स्थित डासना देवी मंदिर में सोमवार रात मंदिर के एक पुजारी पर जानलेवा हमला किया गया। मंदिर परिसर में ही सो रहे एक पुजारी नरेशानंद पर रात के अंधेरे में यह हमला किया गया। हमले के बाद उन्हें लहूलुहान हालत में ही अस्पताल ले जाया गया।
बिहार के रहने वाले नरेशानंद सरस्वती देवी मंदिर के महंत नरसिंहानंद सरस्वती 7 अगस्त को अंग्रेजी कानूनों के खिलाफ दिल्ली के जंतर मंतर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। उनके एक और साथी की गर्दन पर चाकू मारने की कोशिश हुई, लेकिन वो बच गए। महंत नरेशानंद सरस्वती पर चाकुओं से हमला किया गया है और अभी उनकी हालत बहुत ही गंभीर बनी हुई है। उन्हें इलाज के लिए यशोदा अस्पताल ले जाया गया है।
घटना के बाद मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि हमलावर उन्हें मारने आए थे लेकिन गलती से दूसरे संन्यासी निशाने पर आ गए। नरसिंहानंद से पहले भी डासना मंदिर के महंतों की हत्या की गई है। नरसिंहानंद पहले ही अपनी हत्या की आशंका जता चुके हैं।
उन्होंने कहा कि हमले के माध्यम से वस्तुतः हम हिन्दुओं को संदेश दिया जा रहा है कि हम यह जगह छोड़ कर भाग जाएं। लेकिन मां भगवती की सौगंध है कि जब तक इस शरीर में प्राण हैं, मैं हिन्दुओं के लिए लड़ता रहूंगा। ये जिहादी हमें डराना चाहते हैं, लेकिन मैं या मेरे शिष्य डरने वाले नहीं हैं।
इस घटना के संबंध में गाजियाबाद पुलिस ने अपना बयान जारी किया है। गाजियाबाद के एसपी ने कहा कि यह रात लगभग 3:30-3:45 बजे की घटना है। नरेशानंद जी डासना मंदिर में रुके हुए थे। वे बिहार के समस्तीपुर से 7 अगस्त को किसी कार्यक्रम में सम्मिलित होने आए थे। वे बाहर खुले में सोए हुए थे। जैसा कि बताया जा रहा है, तभी एक व्यक्ति आया और उसने उन पर चाकू से कई वार किए। जानकारी मिलते ही उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया और अब उनकी स्थिति ठीक है, एवं उनका इलाज चल रहा है।
उन्होंने आगे कहा- मामले में हम सभी पहलुओं की जाँच कर रहे हैं कि क्या कोई बाहर से आया था या कोई आसपास का व्यक्ति या जानकार ही था। सभी पहलुओं पर इलेक्ट्रॉनिक सर्विलेंस एवं सीसीटीवी फुटेज भी देखते हुए जांच की जा रही है। जो भी व्यक्त दोषी होगा उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।